कड़े पहरे में होगी अलविदा की नमाज, 2846 संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा के प्रबंध
कड़े पहरे में होगी अलविदा की नमाज, 2846 संवेदनशील स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा के प्रबंध
लखनऊ- प्रदेश में शुक्रवार को केंद्रीय सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अलविदा की नमाज़ पहले से तय स्थानों पर होगी। किसी भी नए अथवा सार्वजनिक स्थान पर इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद सभी जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश के साथ पुलिस-प्रशासन को कड़े सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं।
रमजान के महीने में शुक्रवार को प्रदेश में 31151 पहले से तय स्थानों पर अलविदा की नमाज अदा की जाएगी। इसके लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जा रहे हैं। नमाज के स्थानों तथा अन्य संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी मुकुल गोयल की तरफ से 46 कंपनी पीएसी व सात कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती की गई है। इस बीच धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर हटाने का अभियान गुरुवार को भी जारी रहा। अब तक कुल 21963 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं।
तीस हजार धर्मगुरुओं से किया गया संपर्क
परस्पर संवाद और समन्वय से धर्मस्थलों से अवैध लाउडस्पीकर हटवाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने संवाद का सिलसिला गुरुवार को भी कायम रखा है। सभी जिलों में अब तक 29808 धर्मगुरुओं से वार्ता की गई है। डीजीपी मुख्यालय के अनुसार अवैध लाउडस्पीकर हटवाने और अन्य लाउडस्पीकरों में तय मात्रा के अनुसार आवाज धीमी कराने के अभियान में अभी तक कहीं भी कोई अप्रिय स्थित नहीं पैदा हुई है। ज्यादातर स्थानों पर धर्मगुरुओं ने स्वेच्छा से अवैध लाउडस्पीकर हटवाए। कई धर्मगुरुओं से लोगों से अभियान में सहयोग करने की अपील भी की। जन सहयोग से ही अब तक 42332 लाउडस्पीकरों में आवाज कम कराई गई है।
2846 स्थान हैं संवेदनशील
डीजीपी मुख्यालय के अनुसार शुक्रवार को 19949 मस्जिदों, 7436 ईदगाहों व 2846 अन्य स्थानों पर अलविदा की नमाज होनी है। इन 2846 स्थानों को संवेदनशील स्थल के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके अलावा 2705 स्थानों को भी संवेदनशील माना गया है। इन सभी स्थानों पर कड़े सुरक्षा प्रबंध किए जाएंगे। जिलों की पुलिस के अलावा 46 कंपनी पीएसी व सात कंपनी सीएपीएफ की तैनाती की गई है। मुरादाबाद व प्रयागराज में दो-दो पुलिस उपाधीक्षक भी भेजे गए हैं। इसके साथ ही 1492 पुलिस प्रशिक्षणार्थियों को भी सुरक्षा-व्यवस्था की ड्यूटी में लगाया जाएगा। सभी जोनल एडीजी व रेंज के आईजी-डीआईजी को जिलों के पुलिस कप्तानों के साथ समन्वय बनाकर हर तरह का सहयोग मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।